शनिवार, 8 अक्तूबर 2022

लुच्चा अस लागा थें

 उइ बड़े सभ्भदार हें पै गुच्चा अस लगाथें। 
राम दै ! केमाच  के  गुच्छा  अस लगाथें।। 
तुलसी उखाड़ के जब बेसरम लगाइअन ता 
फलाने कहा थें हमीं लुच्चा अस लागा थें।   


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