बुधवार, 19 अक्तूबर 2022

अब ता सगले पुन्न धरें अपना के हीसा मा।

 अब ता  सगले  पुन्न  धरें अपना  के   हीसा  मा। 
तउ   लजाते  हया   देख   मुँह  आपन   सीसा मा।
 
को   फुर  कहै  बताबै   भाई   देस  के   जनता से 
जबकी  हेन उइ हेमै  बितुते   सत्ता के चालीसा मा। । 
 
उइ  पाखण्डी देस के सूरज काही जुगनू लिख दीन्हिन 
लबरी   पोदी  बाला  वा इतिहास  है  हमरे  हीसा मा। । 
 
सिये सिये अस ओंठ हे भइय्या अमरित परब आजादी के 
लागै  जइसा  आंखर- आंखर  बंद हो  बपुरे  मीसा मा। । 
 
सागर  कै अउकात   नहीं पै   नरबा  खुब अभुआय लगे 
हंस  कहा  थें उइ   अगस्त का  बंद है  हमरे  खीसा मा। ।   
                         हेमराज हंस भेड़ा मइहर  

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