उनहूँ का पहिराबा माला।
काहे लागिगा जीभ मा ताला। ।
उइ ता इंद्रा के बंसज आही
चाहे करैं जहां मुँह काला। ।
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उइ कइथा फ्वारैं का अमकटना ह्यारा थें।
आपन चरित्त चमकामै का घटना ह्यारा थें।।
टिकस देथें हेर हेर के खुद अपराधिन का
आपन दाग मूंदय के निता उपटना ह्यारा थें। ।
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गुंडा का न मारा काल्ह नेता बन जई।
पाथर जब खिअइ ता रेता बन जई। ।
कानून बनाई वा सदन मा बइठ के
हमरे समाज का बिधि बेत्ता बन जई। ।
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