कांसी कै मायावती अपना कै मरी मती गाँधी अस जती काही काहे गरिआइ थे।
बापू आय राष्ट बाप बापू आय जातक जाप गौतम केर मरजादा काहे घरिआई थे। ।
सत्ता के भूंख माही सत का मिटाय रहन जनगणमन मा काहे कलह बमुरा लगाई थे।
करी कुछु नीक निकाई बन जाबै लछमी बाई सूर्पणखा अस काहे नाक कटबायीं थे। ।
भारतीय संस्कृति मा नारी है परम पूज्य पढ़ लेइ इतिहास अपना जीजा दुर्गावती कै।
पन्ना धाय अस तप त्याग अनुराग करी कहानी बन जाब अपनव रानी रूप मती कै। ।
मेघा औ टेरेसा अस जन कल्याण करी वतरय पुन मान होइ कुमारी माया वती कै।
कुरसी के तीन पांच मा कुलांच कै न आंच देई भारत माही पूजा हो थी त्याग दया मती कै। ।
अपना से करी चेरउरी नफरत कै न बांटी रेउरी सत्ता केर मउरी या सेरा जई सिताप मा।
काहे बिनाश केर रास तुम रचाय रह्या राग द्वेष इरखा भासा बानी पाप मा। ।
देस का बिकास होइअनेकता के एकता मासब कै सुख शांती ही मनसा बाचा जाप मा।
गाँधी आय गीता रामायण गाँधी आय नर मा नारायण पै तुम हेरे मिलिहा न कऊनव किताप मा। ।
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