नंगई से नहीं बड़प्पन से नापा।
फेर तुहूं अपने सीना का छप्पन से नापा।।
य देस देखे बइठ है राजा नहुष के अच्छे दिन पै ,
वाखर मतलब या नहीं तुम बाल्मीक का बिरप्पन से नापा। ।
@ हेमराज हंस -भेड़ा मैहर
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