शनिवार, 15 अक्तूबर 2022

सिसकै बपुरा मुल्क।

कासी पुनि के सजी ही,दुइ सौ सालन बाद। 
गुंजै डमरू  शंख  औ,  हर हर  भोले  नाद। । 

भारत माता ही बिकल,सुन के दुःख सन्देश।
सेना पति का खोय के, शोकाकुल है देस।। 


टूटी फूटी सड़क मा, टोल बरिअ र  शुल्क।
जय हो नेता आप कै, सिसकै बपुरा मुल्क। ।

 
अपना कहि के चल दिहन, टी बी मा दुइ टूक।
कोउ  भरा  उराव  मा,  उचै  काहु  के  हूक । ।

 
मॅहगी जबक चीज भै, महग तेल पिटरोल।
तउ रजधानी मउन ही, कढ़ै न एकव बोल। । 

 
जनता काही बजट या, लागा थै या मेर।
जइसा क़्वामर पान मा, ब्याड़ै लउग चरेर। ।  

सम्पाती  के  दंभ कै,  द्याखा   ऊंच   उड़ान।
जो जटायु अस उड़त ता, करत देस गुनगान। ।


गौरव शाली कुर्सियां, बदमिजाज आसीन।
समझ  रहे  वे  स्वयं  की, मेघा  दक्ष प्रवीन। ।        

 

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