नारी के सम्मान का, नवरातर है पर्व।
ताकी हम पंचे करी, अपने आप मा गर्व। ।
ताकी हम पंचे करी, अपने आप मा गर्व। ।
हे ! पुरुषोत्तम राम जू ,हती दशानन मार।
ताकी कुछ हलुकाय अब, भू मइया का भार। ।
गाँधी वाद है बिस्व मा एक बिचार अजोर।
जिनखे बल आई हिआ, आजादी कै भोर। ।
जिआ सौ बरिस पार तक, जननायक परधान।
भारत के खातिर हयन, अपना शुभ बरदान। ।
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