शनिवार, 15 अक्तूबर 2022

जिआ सौ बरिस पार तक,

 नारी  के सम्मान  का, नवरातर  है  पर्व।
ताकी हम पंचे करी, अपने आप मा गर्व। ।

हे ! पुरुषोत्तम राम जू  ,हती  दशानन  मार।
ताकी कुछ हलुकाय अब, भू मइया का भार। । 

गाँधी वाद है बिस्व मा एक बिचार अजोर।
जिनखे बल आई हिआ, आजादी कै भोर। । 

जिआ सौ बरिस पार तक,
जननायक परधान।
भारत के  खातिर  हयन,  अपना  शुभ  बरदान। । 

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