गुरुवार, 28 अप्रैल 2016

विंध्य कै पीरा

                    विंध्य कै पीरा 

हमरे बिंध्य मा भरा खजाना, खनिजन के भण्डार का। 
तउ  हिआं के लड़िका ललकैं  रोटी औ  रोज़गार का !!

चारिव  कइती  खुली  फैकटरी  उडै  गुंग  औ  धूर।  
 बपुरे  बेरोजगार     के  सपना तउ  हें चकना चूर। । 
 
रोज  भगा  थें   बम्बई   सूरत   दादू    राजू  झल्ला। 
पै सिंघासन  करै  न एकव  उइ  बपुरेन  का तल्ला। । 
 
जे उद्योगन के निता सजाइस मन के स्वागत द्वार का। 
तउ हिआं  के लड़िका  बागैं रोटी  औ   रोज़गार का !!
 
जय जबान औ जय किसान का कइसा निकरै नारा। 
बेरोजगार  बागैं   जमान  औ खेतिहर फिरै निकारा।।  
 
अउने - -पउने    दाम    चली   गै   खेती   केर  जघा।
 मीठ - मीठ  बातन मा परिके   बागै  ठगा   --ठगा। । 
 
उद्योगन  के निता   दइस  जे  पेटे  के  आधार  का। 
तउ  हिआं  के लड़िका  बागैं रोटी औ रोज़गार का !!
हेमराज हंस ===मैहर 9575287490 

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