मजदूर की है जिंदगी नर्क देश में !
मजदूर की है जिन्दगी नर्क देश में।
श्रम का निचोड़ा जा रहा है अर्क देश में।।
बाँझ समाधान की तुम बात तो सुनो
दे रहे हैं कैसे कैसे तर्क देश में। ।
दरबार तलुये चाट ता है धन्ना सेठ के
उपचार का हुआ न कोई चरक देश में। ।
वक्त की परिधि का अतिक्रमण तो देखिये
वो कर रहा है बारह घण्टे वर्क देश में। ।
धन कुबेर हो गये स्वयं ही संविधान
श्रमिकों का कर रहे हैं बेडा गर्क देश में। ।
मजदूरों के बीच'' दत्ता -नियोगी ''नहीं रहे
अफ़सोस कर रहा है हंस फ़र्क देश में। ।
हेमराज हंस --मैहर ==9575287490
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