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सोमवार, 2 दिसंबर 2024

काल्ह कउआ बताबत रहा सुआ से

काल्ह   कउआ    बताबत    रहा    सुआ से। 
ओही मोतिआ बिन्द होइगा जग्ग के धुंआ से।।

जयन्त  भले   बड़े   बाप  केर   बेटबा  आय   
ओहू  कै  आँख  फुटि गै  कुदृष्टि  खुआ  से।। 
 
उनखे मन मा  ही खराबी की तन ख़राब है 
खजुरी  उच रही  ही मखमल के रुआ से ।। 

सिंघासन के पेरुआ सब दिन भयभीत रहे  हें 
कबौं सामना नहीं किहिन खुल के गेरुआ से।।

कहि द्या खबीस से कि वा उछिन्न ना करय 
हंस  कै  रण  चण्डी  टोर देयी  नेरुआ से  ।।
हेमराज हंस - भेदा मैहर  

बुधवार, 13 नवंबर 2024

काल्ह कउआ बताबत रहा सुआ से।

 काल्ह कउआ बताबत रहा सुआ से।

ओही मोतिआ बिन्द होइगा जग्ग के धुंआ से।।
जयन्त भले बड़े बाप केर बेटबा आय
ओहू कै आँख फुटि गै कुदृष्टि खुआ से।।
उनखे मन मा ही खराबी की तन ख़राब है
खजुरी उच रही ही मखमल के रुआ से ।।
सिंघासन के पेरुआ सब दिन भयभीत रहे हें
कबौं सामना नहीं किहिन खुल के गेरुआ से।।
कहि द्या खबीस से कि वा उछिन्न ना करय
हंस कै रण चण्डी टोर देयी नेरुआ से ।।
हेमराज हंस - भेदा मैहर

सोमवार, 4 नवंबर 2024

तुम बत्तीसी काढ़ दिहा औ खीस निपोरे चले गया।

 तुम बत्तीसी  काढ़  दिहा औ खीस निपोरे चले गया। 

गील पिसान हमार देख परथन का बटोरे चले गया।। 


सिसकत राति से पूछि लिहा कस लाग पलेबा खेते मा 

तुम बिदुरात साँझ देखय का बड़े अँजोरे चले गया।। 


 गाय बिआन ता बनी पेंउसरी  पै पेटपोछना  नहीं  रहा 

पूरा दिन महतारी रोयी  तुम बिन मुँह फोरे चले गया।। 


जब से रोमा झारिस नफरत प्रेम का रकबा घटा खूब 

खसरा  माही  दर्ज  खैरिअत  झूंटय  झोरे चले गया।। 


काल्ह  फलनिया  कहत  रही या सरबार मा  गाज गिरै 

कउनव  साध न पूर भयीं , बस गउखर जोरे चले गया।।


चित्रकूट मा दीपदान का खासा जबर  जलसा भा हंस 

पै तोहार नजर  गदहा  हेरैं  ता उनखे  ओरे चले  गया।। 

हेमराज हंस -भेड़ा मइहर 

शनिवार, 26 अक्टूबर 2024

लाट बनमै का रहा खाम्हा बना दइस ।

 लाट  बनमै   का  रहा  खाम्हा बना दइस । 

छाया  कम  रही  ता  लम्मा   बना  दइस।।


देस  के  करतूती   बइठ  हें  हाथ  सकेले

सेंत  का  अनाज  निकम्मा   बना  दइस।।


का खुरपी गहन कीन्हे का मुक्तये हँसिया के 

वा  कबरा काही रंग के  तम्मा  बना दइस।।


अठमाइनव  चढ़ाये  मा देवी   रिसान  ही 

पाँव  छुए  काम  सब अम्मा  बना  दइस।।


घिनहा  आतंक  बगरा  हबै कालयबन का 

कइसा दुस्ट दादू का रम्भा  बना दइस।।


वा बोली के बखरी मा है बहुरी बरात अस 

कइसा अडारन हंस का ब्रह्मा बना दइस।।

हेमराज हंस भेड़ा मइहर मप्र 

गुरुवार, 24 अक्टूबर 2024

का बताई की कहा कहा पिरात है।

का   बताई   की   कहां    कहां   पिरात  है। 

बैचैन  हबै  जिउ  मन   बूढ़त   उतरात  है।।  


उनखर फरक रही ही सकारे से बायीं आँख

पलकैं लगउतीं लूसी  ता  काजर सुगात है।।


वाठर  बनाउत    तक   ता  उनसे  नहीं बनै 

लबरी   बता   रहे   हें  अमल्लक   जनात है ।।


उनखे  चिकोटी  चींथे  कै चिन्हारी  बनी  ही 

अंतस  मा  उनखे   प्रेम  का   जल प्रप्रात है।।


पाबन   पुनीत  प्रीत   कै  पूजा  यतर  ही  हंस 

तुलसी के चउरा  का दिआ  जस टिमटिमात है।।

हेमराज हंस   


सोमवार, 14 अक्टूबर 2024

अब तो भइया जी अती होइगै।

अब तो भइया जी अती होइगै।
समाज कै दुरगती होइगै।।
उनखे गाड़ी मा लगिगा हूटर
जब ओहदा मा श्री मती होइगै।।
होत होई काहू का फायदा
पै अपने देस के छती होइगै।।
वा ता भेजे रहा पढ़य खातिर
पै समाज मा नककटी होइगै। ।
भले भिरुहाये मा भसम भें मदन
पै विधबा तो बिचारी रती होइगै।।
भाईचारा के विश्वविद्यालय मा हंस
कुलटा राजनीत कुलपती होइगै।।
हेमराज हंस --

शुक्रवार, 23 अगस्त 2024

अपना के हाथ उघन्नी ही।

 अपना के हाथ उघन्नी ही। 

औ  हमरे  नेरे  नहन्नी ही।।

 

गारा  मा  है   रेतय  रेता  

परबस बपुरी  कन्नी ही।।  


बैतरनी के खातिर गइया 

कूकुर का पोहकन्नी ही।। 


सड़ुआइन का धोती पोलका 

बहिनी  निता  दुअन्नी  ही।।  


चउमासे मा सुटुर पुटुर जिउ 

घर  कै   टूटी    धन्नी    ही।।

 

लाल किला बोलिआय देख के 

हंस  के  छाई  पन्नी   ही। । 

हेमराज हंस 

शुक्रवार, 16 अगस्त 2024

आबा मुखिया जी स्वागत है

 आबा  मुखिया जी स्वागत है 

आबा मुखिया जी स्वागत है। 

 शारद मइया कै धर्म भूमि। 

य 'बाबा 'जी कै कर्म भूमि। । 

भुइ गोलामठ औढरदानी कै  । 

सम्पत तेली बलिदानी कै। । 

मुड़िया बाबा के धूनी मा 

बंदन अभिनन्दन शत शत है। । 

आबा मुखिया जी स्वागत है। । 

हेन ही मिल्लस कै परिपाटी। 

पुरवा ,ओइला ,गणेश घाटी। । 

औ रामपुर के राधा किशना। 

दर्शन से मिटै धृणा तृष्णा। । 

बड़ा अखाडा मा मनस्वनी 

कै पयस्वनी निकरत है। । 

आबा ---------------------

या विंध्य द्धार लेशे है कलश। 

पानी लये कलकल बहै टमस। । 

जब से ठगि के गें हें कुम्भज। 

ता विंध्य का निहुरा है गुम्मच  । । 

गुरू अगस्त के निता झुका  

या अटल  झुकेही  का ब्रत है। । 

आबा मुखिया ----------------

भे सोम दत्त साहित्यकार।

आल्हा कीन्हिनभक्तीअपार।

जे ह्यन आवा वा पावत है।

आवा मुखिया जी स्वागत है।

शनिवार, 27 जुलाई 2024

हम बड़े भयन है मस्सकत औ पीरा से

हम बड़े भयन है मस्सकत औ पीरा से। 
 घोपा का न तउली अपना  जकीरा से।। 

जब रइदास  के  साथ  मा  भजन गाइन
ता केतू क्याबा भें  पूँछी अपना मीरा से।।

खने के हाथ का  ठेठा नहीं देखय  केउ 
दुनिया मोहित हिबय चमचमात हीरा से।। 

काहू का छोट जान के न तउहीनी करा 
सबसे महँग ओन्हा रेसम बना थै कीरा से।। 

बांसुरी केर सुर पिआर लगय काने मा 
हंस केतू पीरा हिबै पूँछी अपना भीरा से।। 
हेमराज हंस   

सोमवार, 8 जुलाई 2024

जबसे मूड़े मा कउआ बइठ है

जबसे मूड़े  मा  कउआ बइठ है। 
असगुन का लये बउआ बइठ है।। 

पी यम अबास  कै किस्त मिली ही 
वा खीसा मा डारे पउआ  बइठ है।। 

होइगै    येतू    मंहग     तरकारी 
टठिया मा  हमरे लउआ बइठ है।। 

पर  साल  चार  ठे  दाना  नहीं  भा
औ सेंदुर रुपया लये नउआ बइठ है।।

घूंस  मा  जात  बाद  नही    लागय 
तिबारी कहिन की परउहा  बइठ है।।

रोजी     कै   कहूँ    आड़   ना  अद्धत 
सब हंस का कहैं भतखउआ बइठ है।।
 हेमराज हंस -भेड़ा  मइहर 
 

सोमवार, 1 जुलाई 2024

ना आकरन लिहाज राम दै।

 ना आकरन    लिहाज   राम दै। 
कहाँ    गिरी  या   गाज  राम दै।। 

सुन्यन   सभ्भदारन    की  बातैं
मूड़   गड़ा   के आज   राम दै।।

कहिन गऊ का जब  हत्त्यारिन  
लाग ना  एकव  लाज  राम दै।।

बरात मा काहू के देखेन होइहा 
भले  नहीं  भा  काज  राम दै। ।

तुलुर  तुलुर  कइ  लहके  गे पै  
नेत  का  भा  अंदाज  राम दै। ।

कइ ल्या भूंभुर खूब  हंस   तुम 
है पद का यहै रिबाज  राम दै। ।
हेमराज हंस  --मैहर 

रविवार, 23 जून 2024

उइं का भला उसासी द्याहैं।

 उइं  का  भला  उसासी  द्याहैं। 
झरहा  कबों  सब्बासी   द्याहैं।।

जेखे    परी     हिबय  अठ्ठासी 
उइं   का  रोटी  बासी  द्याहैं।।

हें    बिचार     जेखे    अटर्र
उइं आसा नहीं उदासी  द्याहैं।।

जे   पूजी   भारत  माता  का
उइं   ओहिन  फाँसी  द्याहैं।।

अबय मिली ही अबध नगरिया 
ओइन  मथुरा  कासी  द्याहैं।।

हंस ग्यान के हमैं अमाबस 
आने  का  पुनमासी  द्याहैं।।
हेमराज हंस 

मंगलवार, 18 जून 2024

जब से य मन मोहित होइगा,

            जब  से य मन मोहित होइगा,    
जब  से य मन मोहित होइगा,  तोहरे निरछल रूप मां।
एकव    अंतर  नही  जनातै,  चलनी  मां  औ  सूप  मां॥

सनकिन सनकी बातैं होइ गईं,लखे न पाइस पलकौ तक।
मन  निकार  के उंइ धइ दीन्हिन ,हमरे दोनिआ दूब   मां॥

ओंठ पिआसे से न कउनौं, एक आंखर पनघट बोलिस।
पता  नही  धौं  केतू  वाठर,  निकराथें   नलकूप   मां॥

रात  रात  भर लिख के   कीरी  , नींद  न आई नैनन  का।
औ मन बाउर ध्यान लगाबै ,  जस  भिच्छुक  स्तूप  मां॥

जब से फुरा  जमोखी होइगै, तन औ  मन के ओरहन कै,
तब  से  महकय  लगें हंस , हो   जइसा   मंदिर  धूप मां॥
हेमराज हंस 

मंगलवार, 11 जून 2024

कुच्छ न पूछा हाल तिवारी।

 कुच्छ न पूछा हाल तिवारी। 

निगबर लइ डारिन पटबारी।


आपन खसरा बताइन घर मा। 

कब्ज़ा कर लइन बीडी शर्मा।।

वासर भइंस लिहिस बइठान 

उइ अब मार रहें  सिस कारी। 

कुच्छ न ---------------------


यम पी  मा चला न खटाखट्ट ।

होइगे  निगबर   सफाचट्ट।।

उनहिन का  भा चित्त  पट्ट। 

इनखर  चली न लम्मरदारी।  

कुच्छ न ---------------- 


अइसा  बजा जुझारू  बाजा। 

पुनि के निपट गें दिग्गी राजा।।

बिंध  मालबा औ निमाड़ तक 

परे  उतान  हमय  दरबारी। 

 कुच्छ न ---------------- 

गहकी    बागैं     बिल्लिआन। 

कहाँ ही मुहाब्बत केर दुकान। । 

शटर बंद  जनता कइ दीन्हिस 

पुन पलुहाई पुन पुचकारी। 

कुच्छ न पूछा हाल तिवारी। 

हेमराज हंस   

गुरुवार, 6 जून 2024

गाड़ी का पंचर भा चक्का।

 गाड़ी का पंचर भा  चक्का। 

नाचय लागें चोर उचक्का।।


कहूं पायगें गें एकठे टोरबा 

लगें सबूत देखामय छक्का। ।


जे हें  फेल  उइ  हे उराव मा 

भा जे पास वा हक्का बक्का।। 


अजिआउरे का थाका पाइन 

थरह  रहें थइली  मा मक्का।।

 

उनखी   बातैं  आला  टप्पू 

सुनसुन के बिदुराथें कक्का। ।


देखि  रहें  जे   कबरे सपना

हंस  खुली उनहूँ का जक्का। ।

हेमराज हंस

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 टोरबा = बालक 

अजिआउरे = दादी का मायका 

थाका  = निःसंतान की संपत्ति 

थरह = पौधशाला 

आला टप्पू =  बिना अनुभव, बिना सोचे-विचारे, 

कबरे = रंगीन 

जक्का = विवेकशून्य स्थिति, 


गुरुवार, 30 मई 2024

छठ सातैं की भमरी देखा

  छठ सातैं  की भमरी देखा।

तोहसे  या  न थम्हरी देखा।। 

 

एक  बाल्टी  पानी  खातिर 

उचत  भरे कै जमरी देखा।। 


सउंज  उतार रही तुलसी कै 

या   गंधइली   ममरी   देखा। ।


पसगइयत  मा  परगा पादन

चिलकत चरमुठ चमरी देखा।। 


कांखय लगिहा चुनुन दार मा 

कामड़ेरा  औ  कमरी  देखा।।


हंस अबरदा जब तक वाखर 

रोये   गीध   के  ना  मरी देखा।। 

हेमराज हंस 

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ममरी= तुलसी जैसे दिखने बाली झाड़ी    

पसगइयत=आसपास

 परगा पादन= तिकड़मी  दंदी फन्दी  

 चिलकत=चमकती हुई 

चरमुट= स्वस्थ्य एवं शक्तिवान, शरीर हृष्ट  पुष्ट, 

चुनुन दार = शीघ्र 

अबरदा= आयु 

सोमवार, 27 मई 2024

होइगै सड़क जब तात राम दै ।

 होइगै  सड़क जब तात राम दै । 

जराथें    तरबा    लात   राम दै।। 

 

को   को   ओखे   ऊपर  हींठा 

वा   नहि  पूंछय   जात  राम दै।। 

 

रिन काढ़त  मा  खूब सराहिन 

देत मा टूट गा  भात राम दै। ।  

 

खूब किहिन सोहबत अटकी मा 

अब नहि  पूंछय  बात राम दै । ।  

   

चढ़य मूँड़ घर मा मालकिन का 

जब  कोउ आमय नात राम दै। ।

    

 सचेत रहा  हितुअन से हंस

जे बइठाथें दिन रात राम दै । ।

हेमराज हंस 

शनिवार, 25 मई 2024

जे दसा सुधारय गे रहे, गरीब सुदामा कै।

जे दसा  सुधारय  गे रहे,  गरीब  सुदामा कै। 

उइ तार दइ के आय गें कुरथा पइयामा कै।।

 

अनभल तुकिन ता आपरूभ नस्ट होइगे उइ    

घर  घर मा  पूजा  होथी  बसामान  मामा कै।। 


उइ   कहा  थे  दोस्ती  का   हाथ  बढ़ा  ल्या 

करतूति  नहीं  बिसरय हमीं  पुलबामा  कै।।

 

धइ धइ के ओहटी टोर भांज कइ रहें हें जे 

बांच  बांच  कबिता  इकबाल अल्लामा कै। । 


सीला सपोटी खुब किहिन इतिहासकार हंस

खोजाबर कै पोलपट्टी  खुलगै कारनामा कै।। 

हेमराज हंस    

बुधवार, 22 मई 2024

उइ तखरी मा गूलर का तउल रहे हें।।

 साहुत बनामय खातिर जे कउल रहे हें। 
उइ तखरी  मा गूलर  का  तउल रहे हें।। 

 कान  बहय लागी जो  सुन ल्या हा फुर 
हेन  जात  बाले  जातै  का  पउल रहे हें।। 

आपुस  मां  कइसा माहुर घोराथी इरखा 
भुक्त भोगी आपन  "हरदउल"  रहे  हें।। 

प्रथ्बी औ जयचन्द  कै मुखागर  ही  किसा 
सुन सुन के भारतिन के खून खउल रहे हें।।
 
कल्हव रहें  देस मा उइ आजव हेमैं  'हंस' 
जे बिषइले  उरा बाले डील  डउल रहे हें।।
हेमराज हंस 

साहुत बनामय खातिर जे कउल रहे हें।

 साहुत बनामय खातिर जे कउल रहे हें। 

उइ तखरी  मा गूलर  का  तउल रहे हें।। 


 कान  बहय लागी जो  सुन ल्या हा फुर 

हेन  जात  बाले  जातै  का  पउल रहे हें।। 


आपुस  मां  कइसा माहुर घोराथी इरखा 

भुक्त भोगी आपन  "हरदउल"  रहे  हें।। 


प्रथ्बी औ जयचन्द  कै मुखागर  ही  किसा 

सुन सुन के भारतिन के खून खउल रहे हें।।

 

कल्हव रहें  देस मा उइ आजव हेमैं  'हंस' 

जे बिषइले  उरा बाले डील  डउल रहे हें।।

हेमराज हंस