लाट बनमै का रहा खाम्हा बना दइस ।
छाया कम रही ता लम्मा बना दइस।।
देस के करतूती बइठ हें हाथ सकेले
सेंत का अनाज निकम्मा बना दइस।।
का खुरपी गहन कीन्हे का मुक्तये हँसिया के
वा कबरा काही रंग के तम्मा बना दइस।।
अठमाइनव चढ़ाये मा देवी रिसान ही
पाँव छुए काम सब अम्मा बना दइस।।
घिनहा आतंक बगरा हबै कालयबन का
कइसा दुस्ट दादू का रम्भा बना दइस।।
वा बोली के बखरी मा है बहुरी बरात अस
कइसा अडारन हंस का ब्रह्मा बना दइस।।
हेमराज हंस भेड़ा मइहर मप्र
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