सोमवार, 28 अक्तूबर 2024

रात सजी जग मग जागत है।

 रात  सजी  जग मग  जागत है। 

देस  स्वस्तिक  अस   लागत है।। 

दिया  लेस के  कहय  अमाबस 

हे ! रघुनंदन  जू का स्वागत है। । 

हेमराज हंस  भेड़ा  

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