अपना जेही छू देयी वा सोन बन जाथै ।
खारा पानी जम के नोन बन जाथै ।।
सौ सौ प्रनाम अपना के पयसुन्नी का
असीसे से जेखे कोण सटकोण बन जाथै।
अपना जेही छू देयी वा सोन बन जाथै ।
खारा पानी जम के नोन बन जाथै ।।
सौ सौ प्रनाम अपना के पयसुन्नी का
असीसे से जेखे कोण सटकोण बन जाथै।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें