BAGHELI बघेली RIMHI RACHNA रचना का संगम
रात सजी जग मग जागत है।
देस स्वस्तिक अस लागत है।।
दिया लेस के कहय अमाबस
हे ! रघुनंदन जू का स्वागत है। ।
हेमराज हंस भेड़ा