सोमवार, 27 मई 2024

होइगै सड़क जब तात राम दै ।

 होइगै  सड़क जब तात राम दै । 

जराथें    तरबा    लात   राम दै।। 

 

को   को   ओखे   ऊपर  हींठा 

वा   नहि  पूंछय   जात  राम दै।। 

 

रिन काढ़त  मा  खूब सराहिन 

देत मा टूट गा  भात राम दै। ।  

 

खूब किहिन सोहबत अटकी मा 

अब नहि  पूंछय  बात राम दै । ।  

   

चढ़य मूँड़ घर मा मालकिन का 

जब  कोउ आमय नात राम दै। ।

    

 सचेत रहा  हितुअन से हंस

जे बइठाथें दिन रात राम दै । ।

हेमराज हंस 

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