सोमवार, 6 मई 2024

धनानन्द सैलून मा, लगें बनामय बार

 भ्रस्टाचार मा डूब गा, जब मगधी दरबार।

धनानन्द  सैलून मा,  लगें  बनामय   बार।।


कहिन फलाने हम हयन, पढ़े लिखे भर पूर।

पै अब तक आई नहीं, बोलय केर सहूर।।


भारत पूजिस सब दिना,रिसी कृसी के साथ।

एक हाथे मा शास्त्र का, शस्त्र का दूजे हाथ।।

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