BAGHELI बघेली RIMHI RACHNA रचना का संगम
गुरतुर का गुरतुर सखार का सखार कहा।
सांझ का सांझ सकार का सकार कहा।।
भले केत्तव सजाबा बनउक बिझूका
तोखार न बनी वोही धोखार कहा। ।
हेमराज हंस
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