BAGHELI बघेली RIMHI RACHNA रचना का संगम
बंदन है जयराम जी, बिन्ध्य के बानी पूत।।
सादर ही शुभ कामना बरिस गाँठ के हेत।
करत रहै लेखनी सदा सबका सजग सचेत।।
जयराम शुक्ल जी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें