सोमवार, 20 मई 2024

चाहे कोऊ कवि लिखय, चह शायर श्रीमान

 चाहे  कोऊ  कवि  लिखय,  चह  शायर  श्रीमान। 

सब्द सक्ति जब तक नहीं, तब तक नही  प्रमान।।  

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