पहिले जिव भर खा समोसा।
फेर काहु का गर मसोसा।।
चाहव का होइ जई जुगाड़
चार थे लुच्चा पाला पोसा।।
आज यहै हे काल्ह वहै हे
ई दलाल का कउन भरोसा। ।
खुल जइहै सब बंद केमरिया
खूब जोर से मारा ढोसा। ।
पंगत नहीं बफर आय या
खुदै खा औ खुदै परोसा। ।
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