BAGHELI बघेली RIMHI RACHNA रचना का संगम
जेखे मूड़े मा रहय, अपना का आशीष ।
वा बन जाय कनेर से , गमकत सुमन शिरीष। ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें