ना आकरन लिहाज राम दै।
कहाँ गिरी या गाज राम दै।।
सुन्यन सभ्भदारन की बातैं
मूड़ गड़ा के आज राम दै।।
कहिन गऊ का जब हत्त्यारिन
लाग ना एकव लाज राम दै।।
बरात मा काहू के देखेन होइहा
भले नहीं भा काज राम दै। ।
तुलुर तुलुर कइ लहके गे पै
नेत का भा अंदाज राम दै। ।
कइ ल्या भूंभुर खूब हंस तुम
है पद का यहै रिबाज राम दै। ।
हेमराज हंस --मैहर
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