अपना के हाथ उघन्नी ही।
औ हमरे नेरे नहन्नी ही।।
गारा मा है रेतय रेता
परबस बपुरी कन्नी ही।।
बैतरनी के खातिर गइया
कूकुर का पोहकन्नी ही।।
सड़ुआइन का धोती पोलका
बहिनी निता दुअन्नी ही।।
चउमासे मा सुटुर पुटुर जिउ
घर कै टूटी धन्नी ही।।
लाल किला बोलिआय देख के
हंस के छाई पन्नी ही। ।
हेमराज हंस
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