रविवार, 11 अगस्त 2024

जन कवि तुलसीदास

कोऊ संकराचार भा, कोऊ रामाचार्य।
तुलसी सबका जोर के, बन गें परमाचार्य।।
जे जनता के हिदय मा, करै जुगन से बास।
सादर अपना का नमन, जन कवि तुलसीदास।।
धन्न बिंध कै भूमि ही, धन्न राजापुर ग्राम।
जहाँ के मानस मा रमय, साक्षात श्री राम। ।  

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