हमरे देस मा होइ चुकें ,अइसा निर्मल गाँव।
लोटिया लै बाहर चली , बहू बराये पाँव।।
*****************************
आजादी के दिआ माँ, भरिन जे बाती तेल।
भारत रतन सपूत हैं ,श्री सरदार पटेल। ।
*********************************
दुनिआ में अनमोल क्षण ,होता माँ का साथ।
माँ ही अबध की साँझ है ,माँ कशी का प्रात।
**********************************
जीवन में भरता रहे , रंगोली सा रंग।
उगे भाग्य का भास्कर ,लेकर नई उमंग। ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें