रविवार, 16 अक्तूबर 2022

अइसा निर्मल गाँव।

हमरे देस मा होइ चुकें ,अइसा निर्मल गाँव। 
लोटिया  लै  बाहर  चली , बहू  बराये   पाँव।।  
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आजादी के दिआ माँ, भरिन जे  बाती तेल। 
भारत रतन सपूत हैं ,श्री सरदार पटेल। ।  
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दुनिआ में अनमोल क्षण ,होता माँ का साथ। 
माँ ही अबध की साँझ है ,माँ कशी का प्रात। 
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जीवन  में  भरता  रहे , रंगोली  सा  रंग। 
उगे भाग्य का भास्कर ,लेकर नई उमंग। । 

 

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