सोमवार, 8 अप्रैल 2024

छलक परे दोउ नैन

 राघव के  दरसन   निता, आँखी  रहीं   बेचैन। 
जब मंदिर के पट खुलें, छलक परे दोउ नैन।।
हेमराज हंस   

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