लोक पर्ब नवरातरी, सक्ति आराधन केर।
बहिनी बिटिआ चल दिहिन, पूजैं देबी खेर।।
पुजहाई टठिया लये, मन मा भरे उराव।
भक्ती माही लीन है, नगर देस औ गांव। ।
हेमराज हंस
लोक पर्ब नवरातरी, सक्ति आराधन केर।
बहिनी बिटिआ चल दिहिन, पूजैं देबी खेर।।
पुजहाई टठिया लये, मन मा भरे उराव।
भक्ती माही लीन है, नगर देस औ गांव। ।
हेमराज हंस
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