जउन बोया वा काटा भाई।
अब काहे का घाटा भाई।।
जर्जर पोथी ही चरित्त कै
वमै चढ़ा ल्या गाता भाई।।
भया सुखे दुःख ठाढ़ न कबहूं
तब काहे का नाता भाई। ।
बड़े सत्तबादी बक्ता हा
पुन थूंका पुन चाटा भाई।।
आजु हबै मुँह जउकी का जउका
काल्ह कटी पुन लाटा भाई। ।
काहु का परथन कहूं समर्थन
आपन मतलब सांटा भाई।।
ऐसी कूलर अपना का सुभ
"हँस" के है फर्राटा भाई। ।
हेमराज हँस --9575287490
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