रविवार, 7 अप्रैल 2024

जउन बोया वा काटा भाई।

 जउन   बोया  वा  काटा  भाई। 

अब   काहे    का   घाटा  भाई।।


जर्जर   पोथी   ही  चरित्त कै 

वमै   चढ़ा   ल्या  गाता भाई।।


भया  सुखे  दुःख ठाढ़ न कबहूं  

तब    काहे   का   नाता  भाई। ।


बड़े    सत्तबादी    बक्ता    हा

पुन  थूंका   पुन  चाटा   भाई।।


आजु हबै मुँह जउकी का जउका   

काल्ह  कटी  पुन  लाटा भाई। । 


काहु  का परथन कहूं समर्थन 

आपन  मतलब    सांटा  भाई।।


ऐसी   कूलर  अपना  का  सुभ 

"हँस"   के   है  फर्राटा    भाई।  ।

हेमराज हँस --9575287490 


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