मंगलवार, 30 अप्रैल 2024

हम मजूर बनिहार बरेदी आह्यन लेबर लगुआ। BAGHELI KAVITA

 श्रमिक दिवस की हार्दिक शुभकामनायें 

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हम मजूर बनिहार बरेदी आह्यन लेबर लगुआ।

करी मशक्क़त तनमन से हम गरमी जाड़े कदुआ। ।


माघ पूस कै ठाही हो चह नव तपा कै दुपहरिया।

सामान भादौ के कादौ मा बे पनही बे छतरिया। ।

मिलब कहू हम पाथर फोरत करत कहूं  हरवाही।

खटत खेत खरिहान खान म कबहूं  ताके पाही। ।

हम कहू का काम निकारी औ काहू के बंधुआ।

हम मजूर------------------------------------

''कर्म प्रधान विश्व करी राखा ''कहि गें तुलसी दास।

कर्म देव के  हम  विश्कर्मा  देस  मा पाई त्रास। ।

शोषक चुसि रहे हे हमही अमर बेल की नाइ।

अउर चुहुकि के करै फराके गन्ना चीहुल घाई। ।

दुधिआ दातन मा बुढ़ाय गा हमरे गाँव का गगुआ।

हम मजूर ------------

हम पसीना से देस का सीच्यन हमरै किस्मत सूखी।

देस कोष मा  भरयन  लक्ष्मी घर कै "लक्ष्मी" भूखी। ।

घूंट घूँट अपमान पिअत हम गढ़ी प्रगति कै सीढ़ी।

मन तक गहन है बेउहर के हेन रिन मा चढ़ गयीं पीढ़ी। । 

फूंका  परा है हमरे घर मा तउ हम गाई फगुआ। ।

हम मजूर ------------

हमिन बनायन लालकिला खजुराहो ताज महल।

हमिन बनायन दमदम पालम सुघर जिहाज महल। ।

हमहिंन बाँध्यन नदिया नरबा तलबा अउर तलइया।

हमिन बनायन धमनी चिमनी लखनऊ भूल भुलइया। ।

हम सिसकत सीत ओसरिया माहीं धइ के सोई तरुआ।

हम मजूर------------------------------------

बिन खाये के गंडाही का है छप्पन जेउनार।

कनबहिरे भोपाल औ दिल्ली को अब सुनै गोहर। ।

जब जब माग्यन उचित मजूरी तब तब निथरा खून।

पूंजी  पति के  पॉय तरी  है देस का श्रम कानून। ।

 काल्ह मारे गें सुकुल, तिबारी, दत्ता, नियोगी, रघुआ।

हम मजूर ---------------------------------

 भले ठेस ठेठा कराह से हाँकी आपन अटाला।

पै हम करब न घात देस मा भ्रष्टाचार घोटाला। ।

जे खून पसीना अउंट के माड़ै रोटी केर पिसान।

हमी उराव है अइसन माई बाप कै हम संतान। ।


हमरे कुल मा पइदा नहि होंय डाकू गुंडा ठगुआ।

हम मजूर बनिहार बरेदी आह्यन लेबर लगुआ। । 

           ✍️*हेमराज हंस भेड़ा  मैहर*

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