अचरा मां ममता धरे, नयनन धरे सनेह।
माँ शारद आशीश दे,शक्ति समावे देह। ।
.
नारी के सम्मान से,सम्बत कै सुरुआत।
दुनिआ का संदेस है, भारत का नवरात। ।
हे ! माता आसीस दे हम बालक हन तोर।
सबके जीबन मा रहै, बुद्धी केर अजोर। ।
अचरा मां ममता धरे, नयनन धरे सनेह।
माँ शारद आशीश दे,शक्ति समावे देह। ।
.
नारी के सम्मान से,सम्बत कै सुरुआत।
दुनिआ का संदेस है, भारत का नवरात। ।
हे ! माता आसीस दे हम बालक हन तोर।
सबके जीबन मा रहै, बुद्धी केर अजोर। ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें