BAGHELI बघेली RIMHI RACHNA रचना का संगम
जाति बाद के मथरे परंगत नहीं परै।
राबन के बहकाये मा अंगद नहीं परै।।
चाह जउन जात के होंय नेता जी
पै गरीबन के साथ उनखर पंगत नहीं परै।।
हेमराज हंस
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