नंगदांय करय का एक ठे नंगा हेर ल्या।
कहा ठे लगामाय खै अड़ंगा हेर ल्या।।
चला तउलबाय ल्या कउनाै धर्मकांटा मा
पै ओही अँहणय खातिर पसंघा हेर ल्या । ।
हेमराज हंस
नंगदांय= विधि विरूद्ध एवं अशिष्ट व्यवहार।
अँहणा = एक बर्तन के नाप का दूसरा बर्तन,
पसंघा =असामान्य, अतुलनीय,
हेर ल्या= खोजिये ,तलाशिये
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