शुक्रवार, 12 अप्रैल 2024

बचगें मानस पूत

 कुंभ निकुंभ ता निपट गें, बचगें मानस पूत। 
हे ! दुर्गा  उनही  हता,  है  बिनती  कहनूत।। 
हेमराज हंस  

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