BAGHELI बघेली RIMHI RACHNA रचना का संगम
देस हमीं जीबन दइस, औ सुबिधा चउकेठ।
हंस हमूं मतदान कइ, बनी नागरिक ठेठ।।
हेमराज हंस
ठेठ = मौलिक
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