शुक्रवार, 23 सितंबर 2022

टोरिया कहां ही

 

बारजा बचा हय ओरिया कहां ही,
पिल्वादा के दूध कै खोरिया कहां ही।
 
रासन कारड हलाबत तिजिया चली गै,
कोटा बाली चिनी कै बोरिया कहां ही।।
 
नोकरी लगबामै का कहि के लइ गया तै,
वा गरीब कै बड़मंसी टोरिया कहां ही ।
 
आजादी के अस्वमेघ कै भभूत परी ही ,
लिंकन के लोकतंत्र कै अंजोरिया कहां ही।।
 
वा प्रदूसन कै पनही पहिरे मुड़हर तक चलागा,
गांव के अदब कै ओसरिया कहां ही ।
 
घर के सुख संच कै जे जपत रहें माला ,
वा पिता जी कै लाल लाल झोरिया कहां ही।।
हेमराज हंस मैहर

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