नेता जी के नाव से उभरै चित्र सुभाष।
अब के नेता लगि रहें जइसा नहा मा फांस।।
बड़े अदब से बोलिये, उनखर जय जय कार।
गांव- गांव मा चल रही , गुंडन कै सरकार।।
चह जेही थुर देंय उइ ,याकी कहैं कुलांच।
नेता जी के नाव से, अयी न कऊनव आंच। ।
नेता जी के नाव से उभरै चित्र सुभाष।
अब के नेता लगि रहें जइसा नहा मा फांस।।
बड़े अदब से बोलिये, उनखर जय जय कार।
गांव- गांव मा चल रही , गुंडन कै सरकार।।
चह जेही थुर देंय उइ ,याकी कहैं कुलांच।
नेता जी के नाव से, अयी न कऊनव आंच। ।
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