मंगलवार, 13 सितंबर 2022

मैथली जी

 बांचिये बघेली के सिरमौर कवि श्री मैथली जी को ************************************************* जेखा दिखे से बोखारि चढइ तन ताप बढइ अउ आखि पिराई। तेई करइ ससुरे अपने भइया भउजी कइ खूब बडाई।। खरचा दस पाचि मिलइ कबहूं झट लेती हमइं अचरा गठिआई। पउतीं न चारिउ आना तबउ कहइं भइया दिहिनि हइ राखी बधाई।।

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