चीता आबा देस मा सीगट भा नाराज। कहिस कि अब कइसा बनब जंगल का महराज। ।
सीगट कै ही चाहना रहै जंगली शान। बन का राजा जब रहै सीगट लोखरी श्वान। ।
जंगल मा साहुत बनी ,सीगट लोखरी केर।
देख देख बिदुरा थै ,बन का राजा शेर।।
चीता आबा देस मा सीगट भा नाराज। कहिस कि अब कइसा बनब जंगल का महराज। ।
सीगट कै ही चाहना रहै जंगली शान। बन का राजा जब रहै सीगट लोखरी श्वान। ।
जंगल मा साहुत बनी ,सीगट लोखरी केर।
देख देख बिदुरा थै ,बन का राजा शेर।।
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