बुधवार, 28 सितंबर 2022

हमार भेड़ा

पूरुब  मा पुरान ताल फूले हें कमल जहां 

अउर पच्छिम कइती जहां सदा नीरा सागरा। 

दक्खिन  मा राजपथ लगा थै अगस्त अस 
उत्तर मा हरा भरा  बिंध अस डोगरा। । 
 
चउकी चटकउला मा बिराजे अंजनी के लाल 
ताल   गहिरार   नबा    ताल  संतोखरा। 
 
गांव मध्ये चंडी देवी औ बिराजे भोलेबाबा 
अउर श्री गनेश जू  जे सिद्ध करैं अखरा। । 
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चउकी चटकउला मांही लागथाबै मेला जहाँ 
लुदुइआ मा  है सेबाद हुआं  लड्डू पेड़ा का।  

गांव  कै बिबेक मान जनता मा है स्वाभिमान 
अंतर वा जनाथीबै  रूख अउर रेंड़ा  का। । 
 
मेल जोल  के सुभाव केर परिपाटी हिंया
मह्काबै माटी जहां पस्गाइयत मेड़ा  का।
 
लोक रंग का उराव सब मा है एक भाव 
कवि हेमराज सौ प्रनाम करै भेड़ा  का। । 

 कवि - हेमराज हंस 




 

 

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