पूरुब मा पुरान ताल फूले हें कमल जहां
अउर पच्छिम कइती जहां सदा नीरा सागरा।
दक्खिन मा राजपथ लगा थै अगस्त अस
उत्तर मा हरा भरा बिंध अस डोगरा। ।
चउकी चटकउला मा बिराजे अंजनी के लाल
ताल गहिरार नबा ताल संतोखरा।
गांव मध्ये चंडी देवी औ बिराजे भोलेबाबा
अउर श्री गनेश जू जे सिद्ध करैं अखरा। ।
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चउकी चटकउला मांही लागथाबै मेला जहाँ
लुदुइआ मा है सेबाद हुआं लड्डू पेड़ा का।
गांव कै बिबेक मान जनता मा है स्वाभिमान
अंतर वा जनाथीबै रूख अउर रेंड़ा का। ।
मेल जोल के सुभाव केर परिपाटी हिंया
मह्काबै माटी जहां पस्गाइयत मेड़ा का।
लोक रंग का उराव सब मा है एक भाव
कवि हेमराज सौ प्रनाम करै भेड़ा का। ।
कवि - हेमराज हंस
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