निरहस आय की बोली दादू।
या रहस्स को खोली दादू।।
काहू कै ता नींद उचि ट गय
कोउ सोबइ खाय के गोली दादू। ।
जेखे प्रेम कै फोटो लये हा
वाखर भरि गय ओली दादू। ।
कुछ दिन मा सब भूल बिसर जइ
जनता बपुरी भोली दादू। ।
अम्मा टी बी माही मरि गय
अब को मूड़ थथोली दादू। ।
हंस से मउन नहीं रहबररै
हुकुम होय ता बोली दादू। ।
@हेमराज हंस 9575287490
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