शनिवार, 18 फ़रवरी 2023

आधी उमिर ता गरिआमै मा चली गै

आधी उमिर  ता  गरिआमै  मा  चली गै। 
औ जउन बची वा तेलिआमै मा चली गै।।

तुम उनखे जिन्दगी  का तजुरबा न पूंछा 
रिसाय  मा  चली गै भंजामै  मा चली गै।। 

गाँव  मा  जबसे  होरी  कै डाँड़ गड़ी ही  
गोरी  का  कबीर  सुनामै   मा चली गै।।

छूला  ता  खूब  फूला  डोंगरी पहार मा 
पै कनैर  का गुलाब  बनामै  मा चली गै।।

 फगुआ का मिली हंस ता अबीर लगाउब 
जेही मन मा दबी बात बतामै मा चली गै।।
@हेमराज हंस भेड़ा 






 
  

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