दरे रहा छाती मा क्वादव।
घाव रही या तोहरे बादव।।
सामन मा जे आंधर भे तें
उनही जेठव लागय भादव। ।
बध घर का लहसेन्स बना है
नोटिस बांच रहे हें माधव। ।
हबय इण्डिया सूटबूट मा
औ भारत के पाँव मा कांदव। ।
लहटे हें बनरोझ खेत मा
फसल बची न आधव ध्वाधव । ।
लहटे हें रोझबा खेतन मा
हंस रात भर ताकै यादव । ।
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