का कह्यन ! गॉव से चिट्ठी आई ही।
बीते दिन कै सगली सुध खटमिठ्ठी आई ही।।
सुन्न से सौ गुना धन्ना सेठ होइगें
गरीबी खेत बारी मा घिट्टी आई ही। ।
काल्है छत डारय का बारू गिट्टी आई ही।।
कोऊ सामर बनमय कै क्रीम नहीं बेचै
टीबी मा जब देखा गोरी चिट्टी आई ही। ।
आजु आतंक बाद कै खूब चरचा भै
कश्मीर से फउजी कै मिट्टी आई ही। ।
वा बाप बड़ा भागमानी है हंस
ससुरार से हँसत ज्याखर बिट्टी आई ही।।
@हेमराज हंस भेड़ा
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