सोमवार, 25 मई 2015

hemraj hans by यहाँ पसीना देश को देता पूरी क़िस्त।

दोहा 

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यहाँ पसीना देश को देता पूरी क़िस्त। 
पता करो क्यों आज भी वो है पड़ा सिकिस्त। । 
हेमराज हंस 

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