बुधवार, 6 मई 2015

वैभव जब करने लगा निर्धन का अपमान।

दोहा 

वैभव जब करने लगा निर्धन का अपमान। 
भारत माता रो पड़ी कर जन गण मन गान। । 
हेमराज हंस 

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