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शनिवार, 30 मई 2015
BAGHELI SAHITYA: गूंजे मइहर धाम में स्वस्ति ऋचा श्लोक।
BAGHELI SAHITYA: गूंजे मइहर धाम में स्वस्ति ऋचा श्लोक।: दोहा गूंजे मइहर धाम में स्वस्ति ऋचा श्लोक। गद्गद है माँ शारदा पुलकित तीनों लोक। । हेमराज हंस ---9575287490
BAGHELI SAHITYA: मैहर के उन लाडलों का शत शत आभार। ।
BAGHELI SAHITYA: मैहर के उन लाडलों का शत शत आभार। ।: ---------- दोहा जिनके अथक प्रयास से स्वप्न हुआ साकार। मैहर के उन लाडलों का शत शत आभार। । हेमराज हंस --9575287490
मैहर के उन लाडलों का शत शत आभार। ।
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दोहा
जिनके अथक प्रयास से स्वप्न हुआ साकार।
मैहर के उन लाडलों का शत शत आभार। ।
हेमराज हंस --9575287490
दोहा
जिनके अथक प्रयास से स्वप्न हुआ साकार।
मैहर के उन लाडलों का शत शत आभार। ।
हेमराज हंस --9575287490
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गूंजे मइहर धाम में स्वस्ति ऋचा श्लोक।
दोहा
गूंजे मइहर धाम में स्वस्ति ऋचा श्लोक।
गद्गद है माँ शारदा पुलकित तीनों लोक। ।
हेमराज हंस ---9575287490
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पवन मैहर धाम का एक धवल सोपान।
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पवन मैहर धाम का एक धवल सोपान।
विद्यालय श्री वेद का वाणी का यश गान। ।
हेमराज हंस
गुरुवार, 28 मई 2015
गद्दार का साहब देस भक्त का हिटलर
बघेली
गद्दार का साहब देस भक्त का हिटलर
वाह फलाने वाह।
अपना कै या चमचागिरी
कर देई देस तबाह। ।
हेमराज हंस
BAGHELI SAHITYA: दोहा लेखनी जब करने लगी कागद लहू लुहान। ब्रह्म शब्द...
BAGHELI SAHITYA: दोहा लेखनी जब करने लगी कागद लहू लुहान। ब्रह्म शब्द...: दोहा लेखनी जब करने लगी कागद लहू लुहान। ब्रह्म शब्द तक रो पड़ा धरा रह गया ज्ञान। । हेमराज हंस --9575287490
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hemraj hans -जनगण से गुर्राये तो फिर रगड़ो गे नाक। ।
कुण्डलियाँ
जनता से बड़ कर नही लोकतंत्र में धाक।
जनगण से गुर्राये तो फिर रगड़ो गे नाक। ।
फिर रगड़ोगे नाक घूमते रैली रैली।
एक बार छवि यदि हो जाये मटमैली।।
''हंस'' खेलने लगती है फिर वह गुड़गंता।
लोकतंत्र में सर्वोपरि होती है जनता।।
हेमराज हंस --9575287490
काहू के है गहगड्डव ता काहू केर बरसी ही।
मुक्तक
काहू के है गहगड्डव ता काहू केर बरसी ही।
कोउ धांधर खलाये है काहू कै टाठी परसी ही। ।
कक्का हक्का बक्का हें उनखर देख करदसना
जनता के निता गुंडई औ मंहगाई कै बरछी ही। ।
हेमराज हंस
BAGHELI SAHITYA: आज अब जनता के मयारू बने बगत्या है
BAGHELI SAHITYA: आज अब जनता के मयारू बने बगत्या है: मुक्तक देस देखे बइठ है रामलीला चउगान का । अपना के घमण्ड औ सत्ता अभिमान का। । आज अब जनता के मयारू बने बगत्या है २६ रुपिया मा त...
आज अब जनता के मयारू बने बगत्या है
मुक्तक
देस देखे बइठ है रामलीला चउगान का ।
अपना के घमण्ड औ सत्ता अभिमान का। ।
आज अब जनता के मयारू बने बगत्या है
२६ रुपिया मा तउल्या तै गरीब खानदान का। ।
हेमराज हंस
मंगलवार, 26 मई 2015
BY HEMRAJ HANS अपना का आँसै नही वा भर मुंह कहै हजूर। ।
दोहा
बपुरा सुविधा संच का तरसै हिंया मजूर।
अपना का आँसै नही वा भर मुंह कहै हजूर। ।
हेमराज हंस --9575287490
उनखे कई 'जयन्त ' औ हमरे कई ''दुष्यंत "। ।
दोहा
सत्ता अउर साहित्त कै बस येतू बिरदन्त।
उनखे कई 'जयन्त ' औ हमरे ठई ''दुष्यंत "। ।
हेमराज हंस ---9575287490
भूखों की ये बस्तियां औ फूलों के जश्न।
दोहा
भूखों की ये बस्तियां औ फूलों के जश्न।
ओ ! माली तेरी नियति में क्यों न उठेंगे प्रश्न। ।
हेमराज हंस --9575287490
भूखों की ये बस्तियां औ फूलों के जश्न।
ओ ! माली तेरी नियति में क्यों न उठेंगे प्रश्न। ।
हेमराज हंस --9575287490
सोमवार, 25 मई 2015
यहै सब खैरियत ही सरकारी पेज़ मा
मुक्तक
दवाई से ज्यादा है फायदा परहेज मा।
नौ कै ही लकड़ी नब्बे बंधेज मा। ।
वहै उई आंसू का व्यापर करइ बाले हें
यहै सब खैरियत ही सरकारी पेज़ मा
हेमराज हंस 9575287490
दवाई से ज्यादा है फायदा परहेज मा।
नौ कै ही लकड़ी नब्बे बंधेज मा। ।
वहै उई आंसू का व्यापर करइ बाले हें
यहै सब खैरियत ही सरकारी पेज़ मा
हेमराज हंस 9575287490
hemraj hans by यहाँ पसीना देश को देता पूरी क़िस्त।
दोहा
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यहाँ पसीना देश को देता पूरी क़िस्त।
पता करो क्यों आज भी वो है पड़ा सिकिस्त। ।
हेमराज हंस
BAGHELI SAHITYA: दशा देखिये श्रमिक की या उसका उन्माद। by hemraj han...
BAGHELI SAHITYA: दशा देखिये श्रमिक की या उसका उन्माद। by hemraj han...: दोहा ------------------------------------------------------- दशा देखिये श्रमिक की या उसका उन्माद। पीड़ा में मावाद है मुंह म...
दशा देखिये श्रमिक की या उसका उन्माद। by hemraj hans
दोहा
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दशा देखिये श्रमिक की या उसका उन्माद।
पीड़ा में मावाद है मुंह में जिन्दावाद। ।
हेमराज हंस ---9575287490
शुक्रवार, 22 मई 2015
मेरे रिश्तों से कभी आये न दुर्गन्ध। ।
दोहा
ऐसा जीवन दीजिये हे राम तुम्हें सौगन्ध।
मेरे रिश्तों से कभी आये न दुर्गन्ध। ।
हेमराज हंस --9575287490
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गुरुवार, 21 मई 2015
खड़ा हुआ ये ताज है वो हो गये तवाह। ।
दोहा
है प्रत्यक्ष प्रमाण सा श्रम साधक आह।
खड़ा हुआ ये ताज है वो हो गये तवाह। ।
हेमराज हंस ९५७५२८७४९०
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BAGHELI SAHITYA: BAGHELI SAHITYA: baghelisahitya-घातक भ्रष्टाचार से...
BAGHELI SAHITYA: BAGHELI SAHITYA: baghelisahitya-घातक भ्रष्टाचार से...: BAGHELI SAHITYA: baghelisahitya-घातक भ्रष्टाचार से यहाँ मिलावट खोर।... : दोहा घातक भ्रष्टाचार से यहाँ मिलावट खोर। करते है ये देश का तन मन ...
bagheli sahitya-हमरे हिआ गरीब कै सब दिन आँखी भींज।
दोहा
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हमरे हिआ गरीब कै सब दिन आँखी भींज।
धन्ना सेठ कै आत्मा कबहूँ नही पसीझ। ।
हेमराज हंस
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BAGHELI SAHITYA: baghelisahitya-घातक भ्रष्टाचार से यहाँ मिलावट खोर।...
BAGHELI SAHITYA: baghelisahitya-घातक भ्रष्टाचार से यहाँ मिलावट खोर।...: दोहा घातक भ्रष्टाचार से यहाँ मिलावट खोर। करते है ये देश का तन मन धन कमजोर। । हेमराज हंस http;//hemrajbagheli.blogspot.com
baghelisahitya-घातक भ्रष्टाचार से यहाँ मिलावट खोर।
दोहा
घातक भ्रष्टाचार से यहाँ मिलावट खोर।
करते है ये देश का तन मन धन कमजोर। ।
हेमराज हंस http;//hemrajbagheli.blogspot.com
घातक भ्रष्टाचार से यहाँ मिलावट खोर।
करते है ये देश का तन मन धन कमजोर। ।
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बुधवार, 20 मई 2015
BAGHELI SAHITYA: लोकल गुण्डों की यहाँ चलती है सरकार। ।
BAGHELI SAHITYA: लोकल गुण्डों की यहाँ चलती है सरकार। ।: दोहा -------------------------------------------- बड़े अदब से बोलिये उनकी जय जय कार। लोकल गुण्डों की यहाँ चलती है सरकार। । हेमरा...
मंगलवार, 19 मई 2015
लोकल गुण्डों की यहाँ चलती है सरकार। ।
दोहा
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बड़े अदब से बोलिये उनकी जय जय कार।
लोकल गुण्डों की यहाँ चलती है सरकार। ।
हेमराज हंस ---------9575287490
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देश को नेता नही अब तो मेहतर चाहिये। ।
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ये क्या इससे और भी ब्यवस्था बेहतर चाहिये।
देश को नेता नही अब तो मेहतर चाहिये। ।
जो उठा सके भ्रष्टाचार जैसी गन्दगी
जनता के साथ चलने वाला सहचर चाहिये
ये क्या इससे और भी ब्यवस्था बेहतर चाहिये।
देश को नेता नही अब तो मेहतर चाहिये। ।
जो उठा सके भ्रष्टाचार जैसी गन्दगी
जनता के साथ चलने वाला सहचर चाहिये
शनिवार, 16 मई 2015
कविता मेरी मानस पुत्री है
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कविता मेरी मानस पुत्री है मै इसे शब्दों से सजा कर
समाज रूपी ससुराल के लिये विदा कर देता हूँ।
'केदारनाथ अग्रवाल ''
कविता मेरी मानस पुत्री है मै इसे शब्दों से सजा कर
समाज रूपी ससुराल के लिये विदा कर देता हूँ।
'केदारनाथ अग्रवाल ''
शुक्रवार, 15 मई 2015
परीक्षा मा फेल पप्पू जना थें।
मुक्तक
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परीक्षा मा फेल पप्पू जना थें।
फलाने का आला टप्पू जना थें। ।
पुरखा घी खाइन उँगरी आपन सुघाउथें
पुन्नेठी बतांय का गप्पू जना थें। ।
हेमराज हंस
गुरुवार, 14 मई 2015
जब बादल को खतरा वे बताते है मोर से। ।
मुक्तक
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टीस उठती है तन के पोर पोर से।
जब बादल को खतरा वे बताते है मोर से। ।
ये मेरे देश की विडंबना है दोस्तो
हम देश भक्ति सीखते है भष्टों से चोर से।।
हेमराज हंस ----9575287490
बुधवार, 13 मई 2015
घंटाघर कस घडी नसान रहत्या है। ।
मुक्तक
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जब देखा तब रिसान रहत्या है।
घंटाघर कस घडी नसान रहत्या है। ।
पहिले अस प्रेम अपना का फसफसाय नही
घुटकी भर पी के बसान रहत्या है। ।
हेमराज हंस
पंडित दीनदयाल का बिखरे न अभियान। ।
दोहा
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चाहे ये सत्ता रहे या कि और विधान।
पंडित दीनदयाल का बिखरे न अभियान। ।
हेमराज हंस
आंसू क्रंदन का यहां मत कीजै व्यापार।
दोहा
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आंसू क्रंदन का यहां मत कीजै व्यापार।
अन्य दिशा में मोड़िये राजनीति की धार। ।
हेमराज हंस
लकड़ी से दीमक की सहानुभूति देखिये
मुक्तक
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कोठी मढ़ैया से यारी कर रही है।
लगता है चुनाव की तैयारी कर रही है। ।
लकड़ी से दीमक की सहानुभूति देखिये
खोखला कर के चित्रकारी कर रही है। ।
हेमराज हंस 9575287490 baghelisahitya
मंगलवार, 12 मई 2015
पेटे मा दाना नही मुंह मा दाबे पान। ।
दोहा
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हमरे हियाँ गरीब कै अजब निराली शान।
पेटे मा दाना नही मुंह मा दाबे पान। ।
हेमराज हंस
BAGHELI SAHITYA: ऐतिहासिक तारीखों के कैलेंडर रो रहे है।
BAGHELI SAHITYA: ऐतिहासिक तारीखों के कैलेंडर रो रहे है।: मुक्तक -------------------------------------- ऐतिहासिक तारीखों के कैलेंडर रो रहे है। घोटालों के फरार जुर्मी सलेण्डर हो रहे है। ...
ऐतिहासिक तारीखों के कैलेंडर रो रहे है।
मुक्तक
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ऐतिहासिक तारीखों के कैलेंडर रो रहे है।
घोटालों के फरार जुर्मी सलेण्डर हो रहे है। ।
लगता है प्रगति की टांग तोड़ी जायेगी
देश में बैसाखियों के टेण्डर हो रहे है। ।
हेमराज हंस ---9575287490
BAGHELI SAHITYA: पर कुलीन की कोख से आये सब दिन बुद्ध। ।
BAGHELI SAHITYA: पर कुलीन की कोख से आये सब दिन बुद्ध। ।: दोहा सदा गरीबों ने लड़ा लोकधर्म का युद्ध। पर कुलीन की कोख से आये सब दिन बुद्ध। । हेमराज हंस
पर कुलीन की कोख से आये सब दिन बुद्ध। ।
दोहा
सदा गरीबों ने लड़ा लोकधर्म का युद्ध।
पर कुलीन की कोख से आये सब दिन बुद्ध। ।
हेमराज हंस
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Maihar, Madhya Pradesh 485771, India
सोमवार, 11 मई 2015
गुरुवार, 7 मई 2015
जनमेजय को डस रहे नाप नाप कर पाप। ।
दोहा
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वैचारिक सी वामियां सिद्धांतों के पाप ।
जनमेजय को डस रहे नाप नाप कर सांप । ।
हेमराज हंस ------9575287490
BAGHELI SAHITYA: पसीना के पूत का गैती देखाउथे। ।
BAGHELI SAHITYA: पसीना के पूत का गैती देखाउथे। ।: मुक्तक ------------------------------------------------------------------- उई अउठा मा पहिर के पैती देखाउथें। पसीना के पूत का गैती द...
पसीना के पूत का गैती देखाउथे। ।
मुक्तक
-------------------------------------------------------------------उई अउठा मा पहिर के पैती देखाउथें।
पसीना के पूत का गैती देखाउथे। ।
ज्याखर धधे हें मंत्री जी जेल मा
ओऊ सदाचार कै तैती देखाउथे। ।
हेमराज हंस ---9575287490
BAGHELI SAHITYA: अस्पताल में बैठा है किन्तु रोगी नही है। ।
BAGHELI SAHITYA: अस्पताल में बैठा है किन्तु रोगी नही है। ।: मुक्तक --------------------------------------------------------- तुमने गरीबी देखी है ?भोगी नही है। तू ए सी का डिब्बा है जनरल बोगी...
अस्पताल में बैठा है किन्तु रोगी नही है। ।
मुक्तक
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तुमने गरीबी देखी है ?भोगी नही है।
तू ए सी का डिब्बा है जनरल बोगी नही है। ।
देख भाल करने आया है बीमार की
अस्पताल में बैठा है किन्तु रोगी नही है। ।
हेमराज हंस -----9575287490
बुधवार, 6 मई 2015
माया नगरी भूल मत तू अपना अस्तित्व।
माया नगरी
माया नगरी भूल मत तू अपना अस्तित्व।
निर्धन के ही हाँथ में है तेरा व्यक्तित्व। ।
हेमराज हंस
कुत्ता है इस विश्व का वफादार इक जीव।
दोहा
कुत्ता है इस विश्व का वफादार इक जीव।
चाटुकारिता की कभी रखी न उसने नीव। ।
हेमराज हंस
हे !न्याय तंत्र तुमने यहां पुनः कर दिया सिद्ध।
दोहा
हे !न्याय तंत्र तुमने यहां पुनः कर दिया सिद्ध।
विधि के है ऊपर नही कितना रहे प्रसिद्ध। ।
हेमराज हंस
BAGHELI SAHITYA: वैभव जब करने लगा निर्धन का अपमान।
BAGHELI SAHITYA: वैभव जब करने लगा निर्धन का अपमान।: दोहा वैभव जब करने लगा निर्धन का अपमान। भारत माता रो पड़ी कर जन गण मन गान। । हेमराज हंस
BAGHELI SAHITYA: वैभव जब करने लगा निर्धन का अपमान।
BAGHELI SAHITYA: वैभव जब करने लगा निर्धन का अपमान।: दोहा वैभव जब करने लगा निर्धन का अपमान। भारत माता रो पड़ी कर जन गण मन गान। । हेमराज हंस
वैभव जब करने लगा निर्धन का अपमान।
दोहा
वैभव जब करने लगा निर्धन का अपमान।
भारत माता रो पड़ी कर जन गण मन गान। ।
हेमराज हंस
BAGHELI SAHITYA: बोलो किसके बाप की है ये देश जगीर। ।
BAGHELI SAHITYA: बोलो किसके बाप की है ये देश जगीर। ।: दोहा ------------------------------------------------- अस्सी यहां गरीब हैं प्रतिशत बीस अमीर। बोलो किसके बाप की है ये देश जगीर। । हेम...
बोलो किसके बाप की है ये देश जगीर। ।
दोहा
-------------------------------------------------अस्सी यहां गरीब हैं प्रतिशत बीस अमीर।
बोलो किसके बाप की है ये देश जगीर। ।
हेमराज हंस ---
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Maihar, Madhya Pradesh 485771, India
रविवार, 3 मई 2015
BAGHELI SAHITYA: हे बुद्ध मुस्कराये नही इस पूर्णमासी में।
BAGHELI SAHITYA: हे बुद्ध मुस्कराये नही इस पूर्णमासी में।: मुक्तक हे बुद्ध मुस्कराये नही इस पूर्णमासी में। हैं व्यथित शायद अहिंसा की उदासी में। । इस दौर के चिंतन की असफलता तो देखिये नेता ...
हे बुद्ध मुस्कराये नही इस पूर्णमासी में।
मुक्तक
हे बुद्ध मुस्कराये नही इस पूर्णमासी में।
हैं व्यथित शायद अहिंसा की उदासी में। ।
इस दौर के चिंतन की असफलता तो देखिये
नेता हँस रहा है खेतिहर की फांसी में। ।
हेमराज हंस --9575287490
शुक्रवार, 1 मई 2015
BAGHELI SAHITYA: हम निरीह मजबूर वतन में ये कैसा मजदुर दिवस। ।
BAGHELI SAHITYA: हम निरीह मजबूर वतन में ये कैसा मजदुर दिवस। ।: मजदूर श्रम सीकर का शोषण करके शोषक रहा विहँस। हम निरीह मजबूर वतन में ये कैसा मजदुर दिवस। । हमने अपने श्रम से सींचा उनका वैभव खेत...
BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : साहित्त के नस मा दुष्यंत केर मस है ,
BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : साहित्त के नस मा दुष्यंत केर मस है ,: बघेली गजल साहित्त फुर कहा थै लबरी नही कहै। अपना के सत्ता अस जबरी नही कहै। । साहित्त के नस मा दुष्यंत केर मस है , साहित्त खउटही ...
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