हेन नफरत कै दुकान नहीं ,पूर कारखाना है।
चीनी मानस पूतन का ओखे ठइ थाना है।।
उनखर उद्देस है समाज का लड़बाउब
गरीबन का उपरउझा ता एकठे बहाना है।।
अबै ता या कमीनापन आय नंगई बांकी ही ।
किलनी लगी है , बगई बांकी ही ।।
उइ सीला सपोटी मा चेरुआ भर पकड़े हें।
घुटकी दबामैं कै , दबंगई बांकी ही। ।
गरीबन के दिल है दल नही होय।
ओखे समिस्या का हल नही होय। ।
वा चाह ज्याखर जिन्दावाद ब्वालय
पै पीरा के ग्रन्थ तरी रहल नही होय। ।
उइ अपने का रास्टीय पाल्टी बताउथें।
गिलास अपने आप का बाल्टी बताउथें।।
देस भर मा उनखर जब खासा बिज मरी भै
ता उइ नकली बीज कै क्वालटी बताउथें। ।