बुधवार, 21 दिसंबर 2022

 गरीबन के दिल है 

 गरीबन के दिल है  दल नही होय।
ओखे समिस्या का हल नही होय। ।
वा चाह ज्याखर जिन्दावाद ब्वालय
पै पीरा के ग्रन्थ तरी रहल नही होय। ।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें