पहिले ता खासा आदर भा।
पुन फेर मादर फादर भा।।
आधी रात तक चली पालटी
भाई चारा सादर भा।।
जब से मुर्रा भइंसी आयी
झरहा दुखी बिरादर भा। ।
पहिले तउ कुछु पता नही,
भरी दुपहरी बादर भा ।
धूर्त कला मा फस्ट डिबीजन
पका पका मन गादर भा। ।
मेर मेर के मनइ जग मा
मान ता कहौं निरादर भा। ।
मची हिबै नफरत कै चहदर
अरुआ तक चमगादर भा।।
उनखे सहर मा नाच पतुरिया
हंस के गाँव मा दादर भा। ।
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