बघेली उई महतारी कै गारी देथें पइदा भे हें खीर से ? या कि मकरध्वज अस महावीर से। । मान्यन कि काँटा गूल दइस दुष्ट वा रहा ता का अपना नफरत करब सगले अहीर। । हेमराज हंस --9575287490
बघेली जे खाय के पतरी मा भोंगा करा थें। उई ओहिन का खासा तरोगा करा थें।। कइसा बिडंबना ही मोरे देस कै , देस द्रोही कै रक्षा दरोगा करा थें। । हेमराज हंस --9575287490
सोमवार, 7 मार्च 2016
बघेली मुक्तक भले अपने देस मा प्रदूषण खूब हें। समाज मा बिराध औ बिदूषक खूब हें। । पै जब तक छत्रसाल अस करेजा बाले हें तब तक समाज मा भूषन खूब हें। । हेमराज हंस ===9575287490